पाला से फसलों का बचाव—
सर्दी के मौसम में पाला पड़ने पर पौधों में पानी का जमाव हो जाता है, पाले से फसलों को बचाने के चार उपाय लिखिए। पाला क्या है Protect crops from frost जिससे कोशिकायें फट जाती है। एवं पौधों की पत्तियां सूख जाती है, परिणामस्वरूप फसलों में भारी क्षति हो जाती है।
पाला से पौधों व फसलों पर प्रभाव>>>>
- 1.पाले के प्रभाव से पौधो की कोशिकाओं में जल संचार प्रभावित होता है।पाले से फसलों को बचाने के चार उपाय लिखिए। पाला क्या है Protect crops from frost
2.प्रभावित फसल अथवा पौधे का बहुभाग सूख जाता है, जिससे रोग व कीट का प्रकोप बढ़ जाता है।
3.पाले के प्रभाव से फल व फूल नष्ट हो जाते है।
4.सब्जी फसलों में पाला आने से अधिक प्रभावित होती है व पूर्णतः नष्ट हो जाती है। - पाला से पौधों व फसलों का बचाव
- 1.फसलों में जल- विलेय सल्फर 80 प्रतिशत की 500 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से पर्णीय छिडकाव करें।
2.फसलों पर जल विलेय उर्वरक एन. पी. के. 18:18:18 और एन. पी. के. 00:52:34 की 1 किग्रा मात्रा प्रति एकड़ की दर से पर्णीय छिडकाव करें। - प्राकृतिक उपचार–
1.पाला पडने की संभावना होने पर खेत में सिंचाई करें। पर्याप्त नमी होने से फसलों में नुकसान की सम्भावना कम होती है।
2.पाला पड़ने की संभावना होने पर खेत की उत्तरी- पश्चिमी दिशा की मेढों पर रात्रि में धुआं करना चाहियें।
3. शाम के समय जूट के बोरे में भूसा या धान की भूसी भरकर जला दें, यह धीरे-धीरे जलती रहेगी और खेत में गर्मी बनी रहेगी।
4. वेस्ट-डी- कंपोजर का 200लीटर घोल प्रति एकड़ छिडकाव करें।
5. पंद्रह दिन के अंतराल पर मिट्टी का फसल पर स्प्रे करें।
गजेंद्र किसान/मास्टर ट्रेनर प्राकृतिक खेती-(पतंजलि योगपीठ हरिद्वार द्वारा सर्टिफाइड़)
संभल उत्तर प्रदेश पश्चिम (7017451580)
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